नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आपको अपने वेबसाइट Weather.org .in पर आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Maha Shivratri Kab Hai 2025 कब है और क्यों मनाया जाता है तथा इसका महत्व क्या होता है।
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है माना यह जाता है कि इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था।
और महाशिवरात्रि मनाने का उपलब्ध चाहिए यह भी है कि माना यह जाता है कि इस दिन बुराई का अंत होकर अच्छाई की जीत होता है इसलिए महाशिवरात्रि को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
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महाशिवरात्रि कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो फागुन महीना महीना में बुधवार के दिन 26 फरवरी 2025 कोई 11:08 पर इसका शुरुआत होगा और बृहस्पतिवार 27 फरवरी 2025 को 8:54 पर महाशिवरात्रि का समाप्ति होगा।
हालांकि इसी बीच भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है इसलिए आप 26 फरवरी को भगवान शिव का पूजा कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए बहुत ही कठिन तपस्या की थी इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि की रूप में मनाया जाता है और यह माना जाता है किस दिन तपस्या संपन्न हो गया था।
- बुधवार 26 फरवरी 2025 को 11:08 पर इसका आरंभ हो जाएगा और बृहस्पतिवार 27 फरवरी 2025 को 8:54 पर इसकी समाप्ति हो जाएगी।
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भगवान शिव की पूजा के लिए मनाया जाता है। इसे “शिवरात्रि” का महान पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और विशेष रूप से रात्रि को जागरण करते हैं।
इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विवाह की रात का आयोजन भी होता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव किया था और ब्रह्मा तथा विष्णु को अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान दिया था।
भक्तजन इस दिन उपवासी रहकर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, मंत्र जाप और पूजा करते हैं, ताकि उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का भी मार्ग प्रशस्त होता है।
महाशिवरात्रि का महत्व क्या होता है
अगर हम महाशिवरात्रि की महत्व की बात करें तो इसमें बहुत सारे महत्वपूर्ण महत्व है जो कि नीचे हम बिंदु के रूप में आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने का प्रयास करूंगा।
भगवान शिव की आराधना: यह दिन भगवान शिव की पूजा का है, जो संहारक और रचनाकार दोनों हैं। भक्त इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा करते हैं।
विवाह का पर्व: महाशिवरात्रि को भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की रात माना जाता है। यह दिन प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
आध्यात्मिक जागृति: इस दिन जागरण करने और उपवास रखने से व्यक्ति की आत्मा में जागृति आती है। भक्त ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की गहराई में जाते हैं।
पापों का नाश: मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की सच्ची भक्ति करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
तांडव की रात: इसे भगवान शिव के तांडव करने की रात भी कहा जाता है। तांडव का अर्थ है सृष्टि का चक्र और जीवन का गहरा रहस्य।
सकारात्मक ऊर्जा: इस दिन की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो जीवन में शांति और समृद्धि लाती है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
यदि हम महाशिवरात्रि की पूजा विधि की बात करें तो सुबह उठकर आप सबसे पहले नहा कर अपने घर की साफ सफाई करके भगवान शिव और माता पार्वती को एक बार जरूर प्रणाम करें।
उसके बाद आप शिव मंदिर में जाकर माता पार्वती और शिव जी को पूजा करें और पूजा स्थान पर एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाए और माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा को भी आप स्थापित कर सकते हैं।
इसके बाद आप कच्चे दूध या गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें और उनकी आरती उतारे आरती की थाली में लाल चुनरी सिंदूर और नारियल जरूर रखें जिससे माता पार्वती ज्यादा प्रसन्न हो।
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निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Maha Shivratri Kab Hai 2025 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया उसके साथ ही कैसे पूजा किया जाता है उसका भी बारे में चर्चा किया हूं।
यदि दी गई जानकारी आपको अच्छा लगे तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वह भी शिवरात्रि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सके।
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