नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आपको अपने वेबसाइट Weather.org .in पर आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Budh Purnima Kab Hai 2025 कब है और क्यों मनाया जाता है तथा इसका विशेषताएं क्या-क्या होती है।
बुद्ध पूर्णिमा जिसे बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम की जन्म का उत्सव भी माना जाता है भगवान बुद्ध के जन्मदिन पर बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है।
इसी के साथ आज के इस आर्टिकल में हम यह देखने वाले हैं कि बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम का जन्म कहां हुआ था और उनके पीछे का जुड़ा इतिहास क्या है कैसे कितने महान बने।
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बुद्ध पूर्णिमा कब है
यदि हम बात करें बुद्ध पूर्णिमा कब है या बुद्ध जयंती कब है तो मंगलवार के दिन 12 मई 2025 में बुद्ध पूर्णिमा बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।
बौद्ध धर्म मनाया जाता है कि इस दिन बुद्ध भगवान का जन्म हुआ था इसी के उपलक्ष में हम बौद्ध धर्म की अनुयायियों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती को सेलिब्रेट किया जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, प्रत्येक वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, उनके ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण (मृत्यु) की तिथि के रूप में महत्वपूर्ण है।
इस दिन, बुद्ध के अनुयायी उनके उपदेशों का सम्मान करते हैं और ध्यान, प्रार्थना और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यह पर्व विशेष रूप से बौद्ध धर्म में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान बुद्ध के जीवन और उनके सिद्धांतों को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर लोग बौद्ध मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं, धार्मिक विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और समुदाय में शांति और समर्पण का संदेश फैलाते हैं। यह दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो उन्हें अहिंसा, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
बुद्ध पूर्णिमा मनाने का इतिहास क्या है
बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास भगवान बुद्ध के जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह पर्व बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण (मृत्यु) के अवसर पर मनाया जाता है। इसका इतिहास निम्नलिखित है:
- भगवान बुद्ध का जन्म: भगवान सिद्धार्थ (बाद में बुद्ध) का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी, नेपाल में हुआ था। उनके जन्म को बुद्ध पूर्णिमा के दिन माना जाता है।
- ज्ञान की प्राप्ति: सिद्धार्थ ने राजसी जीवन का त्याग कर ध्यान और साधना के माध्यम से बोधगया (बिहार) में 35 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त किया। इस ज्ञान की प्राप्ति के बाद उन्हें “बुद्ध” कहा गया, जिसका अर्थ है “जागृत” या “ज्ञानी”।
- परिनिर्वाण: बुद्ध ने 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में परिनिर्वाण प्राप्त किया। उनके जीवन का यह अंतिम चरण भी बुद्ध पूर्णिमा से संबंधित है।
बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन, लोग बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हैं और उनकी शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है करुणा, अहिंसा और शांति के संदेश को फैलाना।
इसके अलावा, यह दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए ध्यान, उपासना और समाज सेवा का अवसर भी है, जिससे वे अपने जीवन में बुद्ध के सिद्धांतों को लागू कर सकें।
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निष्कर्ष
आज किस आर्टिकल में हमने आपको Budh Purnima Kab Hai 2025 से संबंधित सभी जानकारी देने का प्रयास किया हूं साथ ही बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ा इतिहास क्या है उसके बारे में भी विस्तार से चर्चा किया
दोस्तों दी गई हुई जानकारी आपको अच्छा लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वह भी बुद्ध पूर्णिमा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सके
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