Parsi New Year Kab Hai 2025 | जाने पारसी नव वर्ष कब है और इसके पीछे का इतिहास क्या है

Parsi New Year Kab Hai 2025
Parsi New Year Kab Hai 2025

नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आपको अपने वेबसाइट Weather.org .in पर आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Parsi New Year Kab Hai 2025 कब है और क्यों मनाया जाता है तथा इसका विशेषताएं क्या-क्या होती है।

दोस्तों भारत में एक और भी जाती रहती है जो पारसी जाति के नाम से जाना जाता है जो हिंदू धर्म से बिल्कुल अलग रीति रिवाज मानते हैं।

आज के इस आर्टिकल में उनके बारे में ही जानने का प्रयास करेंगे कि इनका नव वर्ष कब है और क्यों मनाया जाता है इसके पीछे का इतिहास क्या है।

पारसी न्यू ईयर कब है और क्यों मनाया जाता है

पारसी न्यू ईयर, जिसे “नवरोज़” कहा जाता है, हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

नवरोज़ का अर्थ है “नया दिन” और यह दिन पारसी धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह त्यौहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है और इसकी जड़ें ज़रथुस्त्रवाद में हैं।

इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। पारसी समुदाय इस दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाता है। लोग एक-दूसरे को नव वर्ष की शुभकामनाएँ देते हैं और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं।

नवरोज़ के समारोह में कई रिवाज शामिल होते हैं, जैसे “हैफ्त-सिन” (सात चीजें जो “स” अक्षर से शुरू होती हैं) की व्यवस्था करना, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य नए साल का स्वागत करना और जीवन में नए आरंभ का जश्न मनाना है।

पारसी न्यू ईयर बनाने का इतिहास क्या है

पारसी न्यू ईयर, जिसे नवरोज़ के नाम से जाना जाता है, का इतिहास प्राचीन समय से जुड़ा हुआ है। यह दिन वसंत के आगमन और जीवन के नए चक्र का प्रतीक है।

  1. प्राचीन जड़ें: नवरोज़ की उत्पत्ति का संबंध ज़रथुस्त्रवाद से है, जो एक प्राचीन धर्म है। ज़रथुस्त्र ने लोगों को जीवन, प्रकृति और मानवता के प्रति सम्मान का पाठ पढ़ाया। नवरोज़ इस दर्शन का जश्न मनाने का अवसर है।
  2. सूर्य की स्थिति: नवरोज़ का पर्व हर साल वसंत विषुव (वर्षा और गर्मी के बीच का बिंदु) पर मनाया जाता है, जो लगभग 21 मार्च के आसपास होता है। इसे सूर्य के उत्तरायण होने का दिन भी माना जाता है, जब दिन और रात की लंबाई बराबर होती है।
  3. संस्कृति और परंपराएँ: नवरोज़ का जश्न न केवल पारसी समुदाय में, बल्कि अन्य मध्य एशियाई संस्कृतियों में भी मनाया जाता है। यह दिन नए साल के साथ-साथ प्रकृति के नए जीवन का स्वागत करने का अवसर है।
  4. विभिन्न रिवाज: नवरोज़ के अवसर पर घरों की सफाई, विशेष पूजा-अर्चना और पारंपरिक भोजन तैयार करना आम है। “हैफ्त-सिन” नामक परंपरा में सात चीजें शामिल की जाती हैं, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होती हैं।
  5. आधुनिक महत्व: आज, नवरोज़ का त्यौहार पारसी समुदाय के लिए केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पहचान और एकता का प्रतीक भी है। लोग इस दिन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं और अपने जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रयास करते हैं।

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निष्कर्ष

आज किस आर्टिकल में हमने  Parsi New Year Kab Hai 2025 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया उसके साथ यह भी बताने का प्रयास किया हूं किसका है पीछे का इतिहास क्या है।

दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपकी सारी तलाश खत्म हो गई होगी पारसी दिवस से संबंधित यदि आर्टिकल अच्छा लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वह भी पारसी दिवस से सभी सम्मानित जानकारी को प्राप्त कर सके।

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