नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आपको एक नए आर्टिकल के साथ आज के इस बेहतरीन आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहार Janmashtami Kab Hai 2025 के बारे में।
देखा जाए तो यह त्यौहार मूल रूप से भगवान श्री कृष्ण की जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है मनाया जाता है कि इसी दिन को भगवान श्री कृष्ण ने इस दुनिया में अवतार लिया था।
तो चलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों को चर्चा करेंगे तथा यह भी देखेंगे किसका महत्व क्या है और इसको सेलिब्रेट कैसे किया जाता है।
Contents
कृष्ण जन्माष्टमी कब है
बात करें अगर कृष्ण जन्माष्टमी की तो यह पवित्र त्यौहार कृष्ण जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है जन्माष्टमी को कृष्ण अष्टमी कृष ना जयंती गोकू अष्टमी जैसे नाम से भी जाना जाता है।
अगर हम बात करें जन्माष्टमी कब है तो 15 अगस्त की रात 11:49 पर इसकी शुरुआत होगी और इसका समापन 16 अगस्त रात 9:34 पर होगा।
मूल रूप से देखा जाए तो 15 अगस्त की रात जन्माष्टमी की शुरुआत हो जाएगी और 16 अगस्त को जन्माष्टमी की समाप्ति हो जाएगी।
कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। यह त्योहार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है।
भगवान कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव के घर हुआ था, जब धरती पर अधर्म बढ़ रहा था और दुष्ट राजा कंस ने अपने भतीजे को मारने का संकल्प लिया था। श्री कृष्ण ने इस स्थिति को बदलने और धर्म की स्थापना करने के लिए अवतार लिया।
इस दिन श्रद्धालु उपवासी रहते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं, और भगवान की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। रात को विशेष रूप से उत्सव मनाया जाता है, जहां लोग झूले में भगवान की प्रतिमा रखते हैं और मिठाइयाँ बनाते हैं। यह त्योहार प्रेम, भक्ति और नंदनंदन के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व क्या है
अगर हम कृष्ण जन्माष्टमी की महत्व की बात करें तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है इसमें दिखाया गया है की अच्छाई की जीत होती है तथा भगवान कृष्ण जी इसी दिन को जन्मे थे और भी बहुत ही महत्व है जो निम्नलिखित पंक्तियों में नीचे दिया गया है।
धर्म की स्थापना: भगवान श्री कृष्ण का जन्म अधर्म के खिलाफ धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। यह त्योहार याद दिलाता है कि सही मार्ग पर चलना और अधर्म का विरोध करना आवश्यक है।
भक्ति और प्रेम: कृष्ण भक्तों के लिए प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैं। जन्माष्टमी पर लोग अपनी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करते हैं, जिससे भक्ति की भावना को बढ़ावा मिलता है।
संस्कृति और परंपरा: यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे मनाने के तरीके, जैसे कि भजन, कीर्तन, और विशेष व्यंजन बनाना, सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का काम करते हैं।
सामाजिक एकता: कृष्ण जन्माष्टमी पर लोग एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं, जिससे समाज में एकता और भाईचारे का संचार होता है।
आध्यात्मिक जागरूकता: इस दिन भगवान कृष्ण के उपदेश और शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
अगर हम कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की बात करें तो सबसे महत्वपूर्ण या बात हुई कि आप सबसे पहले नहा कर अपने घर के हिसाब सफाई करें।
उसके बाद से सुबह होते ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें और इसकी उपलक्ष में आप उनकी मूर्ति भी अपने घर द्वार पर बैठ सकते हैं ताकि भगवान श्री कृष्णा और भी ज्यादा प्रसन्न हो आपसे।
इसके साथ ही देखा जाए तो इनकी पूजा सामग्री की बात करें तो एक थाली में कपूर अगरबत्ती लाल कपड़ा नारियल का भोग लगे इसके बाद से भगवान श्री कृष्ण को पूजा अर्पित करें।
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निष्कर्ष
आज के इस महत्वपूर्ण आर्टिकल में हमने आपको Janmashtami Kab Hai 2025 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया हूं इसके साथ ही कृष्ण जन्माष्टमी को कैसे पूजा किया जाता है इसके बारे में भी विस्तार से चर्चा किया हूं।
यदि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगे तो आप अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वह भी कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण इनफॉरमेशन को इकट्ठा कर सके और पूजा को संपन्न कर सकें।
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